मखाना क्या है और यह कहाँ से आता है-Makhana Benefits in hindi
मखाना फाइबर से भरपूर होते हैं।
मखाना (Makhana) को फॉक्स नट्स, यूरीले फेरोक्स, कमल के बीज और फूल मखाना के नाम से भी जाना जाता है। इन बीजों का उपयोग अक्सर कुछ भारतीय मिठाइयों और खीर, रायता या मखाना करी में किया जाता है, और शाम के चाय के नाश्ते के रूप में भी खाया जाता है।
मखाना (Makhana) के सिद्ध स्वास्थ्य लाभ (फॉक्स नट्स)
1. फॉक्स नट्स में उच्च प्रोटीन सामग्री होती है। एक कटोरी फॉक्स नट्स खाने से आपका पेट भर जाएगा और कैलोरी भी नियंत्रण में रहेगी
2.मखाना बेहतरीन एंटी-एजिंग फूड बनाते हैं क्योंकि इनमें भरपूर मात्रा में एंटी-ऑक्सीडेंट होते हैं। हर दिन एक मुट्ठी भर आपको जवां दिख सकता है और आपकी त्वचा को चमकदार बना सकता है।
3. मधुमेह रोगियों और हृदय रोगियों के लिए मखाना एक बेहतरीन स्नैक फूड है क्योंकि इनमें अच्छी वसा होती है । ये गुण मखाने को वजन घटाने वाला अच्छा भोजन बनाते हैं।
4. मखाना फाइबर से भरपूर होते हैं। वे कब्ज को रोकते हैं और मल में बल्क जोड़ते हैं।
5. फॉक्स नट्स में कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है। यह आपको लंबे समय तक भरा हुआ महसूस कराता है
6.गेहूं की एलर्जी से पीड़ित लोग मखाना खा सकते हैं क्योंकि वे लस मुक्त होते हैं लेकिन फिर भी प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट सामग्री में उच्च होते हैं।
7. यह फॉक्स नट्स को अपना वजन देखने वालों के लिए एक आदर्श स्नैक बनाता है। उच्च पोटेशियम और कम सोडियम उच्च रक्तचाप से पीड़ित रोगियों के लिए एक अच्छा संयोजन है।
8. मखाना (Makhana) में एक प्राकृतिक यौगिक, केम्पफेरोल होता है जो शरीर में सूजन को कम करता है। मधुमेह, गठिया, गठिया जैसी अधिकांश आधुनिक बीमारियों के लिए सूजन जिम्मेदार है। इसके अलावा, फॉक्स नट्स में जीवाणुरोधी गुण होते हैं
मखाना का पोषण मूल्य:
1.सुपरफूड मखाना प्रोटीन और फाइबर से भरपूर और वसा (fat) में कम होता है। 100 ग्राम मखाने से लगभग 347 कैलोरी मिलती है।2.मखाने में करीब 9.7 ग्राम प्रोटीन और 14.5 ग्राम फाइबर होता है। मखाना (Makhana) कैल्शियम का बहुत अच्छा स्रोत है।
3.इनमें मैग्नीशियम, पोटेशियम और फास्फोरस भी अच्छी मात्रा में होते हैं। मखाने में कुछ विटामिन कम मात्रा में भी मौजूद होते हैं।
अधिक सेवन से साइड इफेक्ट हो सकते हैं जैसे:
1.कब्ज, गैस और फूला हुआ महसूस होना जैसी पाचन संबंधी समस्याएं।
2.मधुमेह के रोगियों में इंसुलिन के स्तर में रक्त शर्करा का स्तर काफी कम हो सकता है। इसलिए अधिक सेवन से बचना चाहिए।
3.वे कुछ लोगों में एलर्जी पैदा कर सकते हैं।
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